
भगवद गीता अध्याय 8: अक्षरब्रह्मयोग – आत्मा के प्राप्ति का सबसे उच्च मार्ग
By: Astrologer Krishana Vyas
परिचय: अध्याय 8, अक्षरब्रह्मयोग, भगवद गीता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है जो ज्ञान और भक्ति के माध्यम से आत्मा के प्राप्ति की उपायों को समझाता है।
श्रीमद् भगवद् गीता –
इस अध्याय में, भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अनंतकाल में मृत्यु के समय ध्यान की महत्वपूर्णता का उपदेश देते हैं। यह अध्याय आत्मा के साक्षात्कार में आगे बढ़ने के लिए एक उच्चतम योग की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
अध्याय 8 का सार:
इस अध्याय में, अर्जुन का प्रश्न अध्याय की शुरूआत करता है, जो मृत्यु के समय में ध्यान करने और आत्मा को परमात्मा के साथ मिलाने के उपाय के बारे में ज्ञान प्राप्त करना चाहता है।
अक्षर ब्रह्म का वर्णन: भगवान श्रीकृष्ण इस अध्याय में अक्षर ब्रह्म की महत्वपूर्णता का वर्णन करते हैं और इसे ऊर्ध्वमूलमध:शाकमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् कहकर सर्वव्यापी और अनन्त रूप में बताते हैं। इससे सांसारिक और परमार्थिक सत्य की उच्चता प्रकट होती है।
अनंतकाल में ध्यान की विधि: भगवान कहते हैं कि मृत्यु के समय व्यक्ति को अपनी नाभि में ध्यान करना चाहिए और मन को दिव्य परमात्मा में लगाना चाहिए। इससे आत्मा का योगभाव बना रहता है और परमात्मा के साथ समागम होता है।
उपायों का विवेचन: अध्याय 8 में भगवान श्रीकृष्ण विभिन्न उपायों का विवेचन करते हैं, जैसे कि श्रद्धा-भक्ति द्वारा, यज्ञ-तप्ति द्वारा, और ज्ञान-योग द्वारा भगवान के साथ एकता की प्राप्ति। इन उपायों के माध्यम से व्यक्ति आत्मा को परमात्मा से जोड़कर उच्च स्थिति में पहुंचता है।
अनंतकाल में भगवान की स्मृति: अध्याय 8 में भगवान कहते हैं कि अनंतकाल में व्यक्ति को भगवान की स्मृति में रहना चाहिए ताकि वह आत्मा को योगभाव में निर्ध्यान होकर भगवान के पास जा सके।
भगवान का आदित्य स्वरूप: अध्याय 8 में भगवान का आदित्य स्वरूप और उसका महत्वपूर्ण विवेचन भी किया जाता है,
जिससे सृष्टि के स्थिति और परमात्मा का
अद्भूत साकार-निराकार स्वरूप समझा जा सकता है।
आपसे अनुरोध:
इस अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़ें और इसके विषयों पर ध्यान केंद्रित करें। यह आत्मा के उच्चतम मार्ग का मार्गदर्शन करता है और आपको आत्मिक विकास की दिशा में मदद कर सकता है। इसे समझने का प्रयास करें और इस ज्ञान को अपने जीवन में अपनाएं। यह आपके आत्मा के साथ संबंध को मजबूत करने में मदद करेगा।