
IndoUS Tribune की हरिद्वार मंदिर यात्रा का 16वाँ पड़ाव
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी तीर्थ – जैन साधना, शांति और सांस्कृतिक वैभव का अद्भुत संगम
हरिद्वार — जहाँ पवित्र गंगा की धारा आत्मा को शुद्ध करती है, वहीं यह नगरी भारत की विविध धार्मिक परंपराओं का संगम भी है।IndoUSTribune की हरिद्वार मंदिर यात्रा के 16वें पड़ाव पर हम पहुँचे हैं श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर,
जो कि हरिद्वार में जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख साधना स्थल है। यह मंदिर न केवल एक आस्था का केंद्र है, बल्कि अध्यात्म, अहिंसा और आत्म-शुद्धि की प्रेरणा भी देता है।
📿 मंदिर का परिचय
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी तीर्थ, हरिद्वार के भूपतवाला क्षेत्र में, ऋषिकेश रोड पर स्थित है। यह मंदिर भगवान पार्श्वनाथ, जो जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर हैं, को समर्पित है। मंदिर की शांत, शुद्ध और दिव्य वातावरण जैन साधना और ध्यान के लिए आदर्श स्थान प्रदान करता है।
🛕 वास्तुकला और धार्मिक महत्व
यह मंदिर श्वेतांबर जैन शैली में निर्मित है, जिसमें नक्काशीदार स्तंभ, सुंदर मूर्तिकला और अत्यंत आकर्षक गर्भगृह में स्थित भगवान पार्श्वनाथ की भव्य मूर्ति विशेष आकर्षण का केंद्र है। सफेद संगमरमर से बनी यह मूर्ति ध्यान मुद्रा में स्थापित है, जो आत्मिक शांति, ज्ञान और करुणा का प्रतीक है।
यह तीर्थस्थल जैन धर्म के मूल सिद्धांतों – अहिंसा, सत्य और तपस्या – को समर्पित है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु केवल पूजा ही नहीं करते, बल्कि आत्म-नियंत्रण और ध्यान के माध्यम से आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।
📚 ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
हालाँकि यह मंदिर हरिद्वार में आधुनिक समय में स्थापित हुआ है, इसका महत्व पूरे भारत में फैले जैन अनुयायियों के बीच अत्यंत उच्च है
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ की पूजा नासिक, जैसलमेर, और अन्य तीर्थों में भी होती है, जहाँ इनकी नीली प्रतिमा और सात फनों वाला शेषनाग विशेष रूप से पूजी जाती है।
जैसलमेर और नासिक में स्थित मंदिरों में जो धार्मिक, शिल्पकला और पांडुलिपियों की धरोहर सुरक्षित है, वह चिंतामणि पार्श्वनाथ के प्रति देश भर में फैले श्रद्धा और समर्पण को दर्शाती है। इन मंदिरों के साथ-साथ हरिद्वार का यह तीर्थस्थल भी जैन संस्कृति के संरक्षण और प्रसार का एक जीवंत केंद्र बनता जा रहा है।
🚗 कैसे पहुँचें:
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ मंदिर हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन: हरिद्वार जंक्शन
- बस सेवा: स्थानीय ऑटो, ई-रिक्शा और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं
- निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (लगभग 40 किमी)
- मंदिर परिसर में धर्मशाला, भोजन व्यवस्था, और ध्यान कक्ष जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
✨ IndoUS Tribune की ओर से श्रद्धा–सम्मान
IndoUSTribune की हरिद्वार मंदिर यात्रा में श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ मंदिर एक विशेष अध्याय जोड़ता है —
यह न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सभी धर्मों के आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए शांति, संयम और सत्य का प्रतीक है। यहाँ आकर आत्मा को एक नया दृष्टिकोण मिलता है, जहाँ धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि एक जीवन-पद्धति बन जाता है।
हमारी अगली कड़ी में हम आपको हरिद्वार के एक और अलौकिक मंदिर या घाट की यात्रा पर ले चलेंगे। तब तक के लिए, गंगा माँ और तीर्थंकरों की कृपा बनी रहे — यही शुभकामना।