चार धाम यात्रा: सनातन धर्म की महान परंपरा

चार धाम यात्रा: सनातन धर्म की महान परंपरा

भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में तीर्थ यात्राओं का विशेष महत्व है। इन यात्राओं में सबसे पवित्र और अद्वितीय मानी जाती है चार धाम यात्रा, जो चार महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों – रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी, बद्रीनाथ-केदारनाथ, और द्वारका – की यात्रा है। इसे “मोक्ष का मार्ग” कहा जाता है, क्योंकि यह यात्रा आत्मा की शुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का माध्यम है। आदि शंकराचार्य द्वारा प्रतिपादित इस यात्रा का उद्देश्य धर्म, भक्ति और ज्ञान के प्रसार के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को एकजुट करना है। यह यात्रा न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाती है। चार धाम: चार पवित्र स्थल रामेश्वरम धाम (तमिलनाडु)हिंद महासागर के किनारे स्थित रामेश्वरम धाम भगवान शिव को समर्पित है। यह वही स्थान है जहां भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले शिवलिंग की स्थापना की थी। यहां का रामनाथस्वामी मंदिर अपनी विशाल गलियारों

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