रामचरित मानस में प्रवाहित ऋषि परम्परा

रामचरित मानस में प्रवाहित ऋषि परम्परा

By: Rajendra Kapilदूसरा सोपान- ब्रह्म ऋषि विश्वामित्रऋषि विश्वामित्र का रामजी के जीवन में बहुत बड़ा योगदान है. सबसे पहले यह ऋषि विश्वामित्र ही थे, जिन्होंने राम  और लखन के अदम्य शौर्य को पहचाना था. विश्वामित्र का जन्म  राजा गाधि के कुल में एक

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रामचरित मानस एवं भगवद् गीता में कुछ समानताएँ:

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By: Rajendra Kapil तीसरी कड़ी- प्रभु का विराट स्वरूप भगवद गीता और रामचरित मानस में भगवान के विराट रूप का विस्तृत वर्णन है. यह एक ऐसारूप है, जो सामान्य भक्त की किसी भी कल्पना से बड़ा एवं अद्भुत है. यह भक्त को आश्चर्यचकित

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