India, Bhutan hold talks on strengthening connectivity and hydropower cooperation

India, Bhutan hold talks on strengthening connectivity and hydropower cooperation

By: Indo-US Tribune News Desk India’s Foreign Secretary Vikram Misri met Bhutan’s Prime Minister Tshering Tobgay in Thimphu on Friday to discuss a wide range of issues aimed at deepening bilateral cooperation. The talks focused on connectivity, hydropower collaboration, trade, and people-to-people ties,

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गीता स्वाध्याय, मेरी समझ से – बारहवाँ अध्याय

गीता स्वाध्याय, मेरी समझ से – बारहवाँ अध्याय

By: Rajendra Kapil भगवद् गीता का बारहवाँ अध्याय भक्ति योग के नाम से प्रसिद्ध है. भगवद् प्राप्ति के दो प्रमुख मार्ग बताए गए हैं. एक को कहते हैं, ज्ञान मार्ग या ज्ञान योग और दूसरे को कहते हैं, भक्ति मार्ग या भक्ति योग.

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वृंदावन: पंद्रहवाँ पड़ाव – राधा गोकुलानंद मंदिर

वृंदावन: पंद्रहवाँ पड़ाव – राधा गोकुलानंद मंदिर

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर“ श्रृंखला में आपका पुनः स्वागत है। वृंदावन की हर गली में श्रीराधा-कृष्ण की लीलाओं की झलक मिलती है। यहाँ हर मंदिर का अपना विशिष्ट इतिहास और आध्यात्मिक महत्व है। इस श्रृंखला के पंद्रहवें पड़ाव पर हम आपको ले चलते हैं राधा गोकुलानंद मंदिर, जहाँ अनेक महान संतों द्वारा प्रतिष्ठित विग्रह और स्मृतियाँ एक साथ पूजित हैं। मंदिर का इतिहास और विशेषता राधा गोकुलानंद मंदिर वृंदावन के केशी घाट और राधा-रामन मंदिर के बीच स्थित है। यह मंदिर विशेष इसलिए है क्योंकि यहाँ एक ही स्थान पर कई विख्यात आचार्यों द्वारा पूजित विग्रहों की स्थापना है। मंदिर का निर्माण श्री विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर ने कराया। पहले प्रत्येक विग्रह अलग-अलग स्थानों पर प्रतिष्ठित थे, लेकिन जब लोकनाथ गोस्वामी का राधा-विनोद मंदिर जीर्ण हो गया, तो सभी विग्रहों को एक ही स्थान पर स्थापित कर दिया गया। गौरवपूर्ण धरोहर – गोवर्धन शिला इस मंदिर में एक अद्वितीय गोवर्धन शिला भी है, जिसे स्वयं श्री चैतन्य महाप्रभु ने तीन वर्षों तक अपने हृदय से लगाकर पूजा। इस शिला पर उनके अंगूठे का निशान अंकित है और यह सदैव उनके आँसुओं से स्निग्ध रहती थी। बाद में यह शिला श्री रघुनाथ दास गोस्वामी को प्रदान की गई। आज भी भक्त थोड़े से दान के उपरांत इस शिला का दर्शन कर सकते हैं। संतों की समाधियाँ मंदिर परिसर में कई महान संतों की समाधियाँ भी स्थित हैं, जिनमें लोकनाथ गोस्वामी, नारोत्तम दास ठाकुर और विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर की समाधियाँ प्रमुख हैं। यह स्थान न केवल भक्ति का केंद्र है बल्कि वैष्णव परंपरा की विरासत का जीवंत प्रतीक भी है। आध्यात्मिक वातावरण और अनुभव इस मंदिर की विशेषता है इसका आध्यात्मिक वातावरण। जब भक्त मंदिर प्रांगण में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले उन्हें यहाँ का अद्भुत शांत वातावरण महसूस होता है। मंदिर की दीवारों पर अंकित सुंदर शिल्पकला और विग्रहों के दर्शन भक्तों को भक्ति और श्रद्धा में डुबो देते हैं। मंदिर दर्शन का अनुभव और भी गहरा हो जाता है जब यहाँ संकीर्तन गूंजता है। हर सुबह और शाम मंदिर परिसर में कीर्तन और भजन का स्वर वातावरण को भक्तिमय बना देता है। भक्त एक साथ हरिनाम संकीर्तन करते हैं, जिससे न केवल मंदिर प्रांगण बल्कि आसपास की गलियाँ भी कृष्ण-राधा के नाम से गुंजायमान हो उठती हैं। परिक्रमा का माहौल भी अद्भुत होता है। भक्त श्रद्धा से मंदिर की परिक्रमा करते हुए प्रभु के चरणों में अपना मन समर्पित करते हैं। परिक्रमा मार्ग पर भजन, शंख और घंटियों की ध्वनि मिलकर ऐसा अनुभव देती है मानो स्वयं वृंदावन की दिव्यता आत्मा को स्पर्श कर रही हो। दर्शन और आरती समय कैसे पहुँचे राधा गोकुलानंद मंदिर, वृंदावन के केंद्र में स्थित है और इसे पहुँचना सरल है। आध्यात्मिक महत्त्व राधा गोकुलानंद मंदिर वह स्थान है जहाँ विभिन्न महान आचार्यों की भक्ति का संगम होता है। यहाँ आने वाले भक्त न केवल विग्रहों का दर्शन करते हैं, बल्कि उस दिव्य ऊर्जा का अनुभव भी करते हैं जो इन संतों ने अपनी साधना से यहाँ संचित की है। निष्कर्ष राधा गोकुलानंद मंदिर का दर्शन हमें वैष्णव संतों की तपस्या, भक्ति और राधा-कृष्ण के प्रेम की अनूठी अनुभूति कराता है। यह स्थल एक ऐसा संगम है जहाँ भक्ति, इतिहास और आध्यात्मिकता एक साथ मिलते हैं। IndoUS Tribune की ओर से हम आशा करते हैं कि इस पड़ाव ने आपको वृंदावन की वैष्णव परंपरा से गहराई से जोड़ा होगा। हमारी अगली कड़ी में, हम आपको वृंदावन के गोपेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कराएँगे। तब तक के लिए, श्री राधा-कृष्ण और वैष्णव आचार्यों की कृपा आप पर बनी रहे।

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Hindus celebrate Durga Puja under fear in Bangladesh, says Sheikh Hasina’s son

Hindus celebrate Durga Puja under fear in Bangladesh, says Sheikh Hasina’s son

Hindu minorities in Bangladesh are reportedly celebrating Durga Puja under a cloud of fear and uncertainty, according to Sajeeb Wazed, son of former Prime Minister Sheikh Hasina. He blamed the Muhammad Yunus-led interim government for a resurgence of extremism and religious persecution in

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Navratri celebration brings devotion, dance, and cultural connection to Indian communities in the United States

Navratri celebration brings devotion, dance, and cultural connection to Indian communities in the United States

By: Dr Avi Verma Across the United States, Indian communities are immersing themselves in Navratri, one of the most vibrant and spiritually significant festivals in the Hindu calendar. This fall edition, known as Sharad Navratri, is celebrated over nine nights in honor of

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वृंदावन: चौदहवाँ पड़ाव – सेवा कुंज

वृंदावन: चौदहवाँ पड़ाव – सेवा कुंज

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में आपका पुनः स्वागत है! वृंदावन के मंदिर और उपवन केवल पूजा के स्थल नहीं, बल्कि राधा-कृष्ण की दिव्य लीलाओं के जीवंत प्रमाण हैं। हमारी इस आध्यात्मिक यात्रा के चौदहवें पड़ाव पर हम लेकर

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Gita study – as I understand it (chapter eleven)

Gita study – as I understand it (chapter eleven)

By: Rajendra Kapil The Universal Form of Lord Krishna – an extraordinary and awe-inspiring vision. A form so vast that it is at once wondrous and terrifying, containing within it every particle of the cosmos. In that vision lies all beauty and all

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वृंदावन: तेरहवाँ पड़ाव – निधिवन मंदिर

वृंदावन: तेरहवाँ पड़ाव – निधिवन मंदिर

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में आपका स्वागत है! जहाँ भगवान कृष्ण की बांसुरी की धुन हवा में गूंजती है और हर गली राधा-कृष्ण के प्रेम की कहानियाँ सुनाती है। इस आध्यात्मिक यात्रा के तेरहवें पड़ाव पर हम पहुँच

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गीता स्वाध्याय, मेरी समझ से – ग्यारहवाँ अध्याय

गीता स्वाध्याय, मेरी समझ से – ग्यारहवाँ अध्याय

By:Rajendra Kapil भगवान कृष्ण का विराट रूप. भगवान का अद्भुत एवं चौका देने वाला रूप. प्रभु का एक ऐसा रूप, जो देख कर भय लगता है, जिसमें ब्रह्मांड का कण कण समाया हुआ है. विश्व की समस्त सुन्दरता और सारी कुरूपता समाई हुई

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Gita study – In my understanding, chapter ten

Gita study – In my understanding, chapter ten

By: Rajendra Kapil This tenth chapter begins with Lord Krishna’s dialogue, in which He addresses Arjuna as His dearest friend.Shri Krishna explains to him that the knowledge He is about to impart is exceedingly rare—something He reveals only to His most beloved devotees.

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वृंदावन: बारहवाँ पड़ाव – श्री जुगल किशोर मंदिर (केशी घाट)

वृंदावन: बारहवाँ पड़ाव – श्री जुगल किशोर मंदिर (केशी घाट)

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में आपका स्वागत है! जहाँ भगवान कृष्ण की बांसुरी की धुन हवा में गूंजती है और हर गली राधा-कृष्ण के प्रेम की कहानियाँ सुनाती है। इस आध्यात्मिक यात्रा के बारहवें पड़ाव में, हम पहुँचते

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इंडो-यूएस ट्रिब्यून की वृंदावन मंदिर यात्रा: श्री रंगजी मंदिर

इंडो-यूएस ट्रिब्यून की वृंदावन मंदिर यात्रा: श्री रंगजी मंदिर

वृंदावन: 11वां पड़ाव – श्री रंगजी मंदिर में दर्शन IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में हम आपको स्वागत करते हैं! जहां भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और उनके प्रेम की गूंज हर एक मंदिर और गली में सुनाई देती

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गीता स्वाध्याय- मेरी समझ से,  दसवाँ अध्याय

गीता स्वाध्याय- मेरी समझ से,  दसवाँ अध्याय

By: Rajendra Kapil इस दसवें अध्याय का आरम्भ प्रभु कृष्ण के संवाद से होता है, जोकि अर्जुन को अपना परम सखा मानते हैं. भगवान कृष्ण उसे समझाते हुए कहते हैं कि, यह जो ज्ञान मैं तुम्हें दे रहा हूँ, यह अति दुर्लभ है. यह मैं

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Gita Study – In my understanding, Chapter Nine

Gita Study – In my understanding, Chapter Nine

By: Rajendra Kapil The dialogue of the Bhagavad Gita in this chapter is so captivating that neither the listener feels satisfied, nor does the speaker get tired. That is why it is extremely dear to Arjuna and to devotees. In this chapter, Lord Krishna reveals

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वृंदावन: दसवाँ पड़ाव–जयपुर मंदिर (गोविंद देव जी मंदिर)

वृंदावन: दसवाँ पड़ाव–जयपुर मंदिर (गोविंद देव जी मंदिर)

IndoUSTribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में आपका पुनः स्वागत है! कृष्ण नगरी वृंदावन की इस आध्यात्मिक यात्रा के दसवें पड़ाव पर हम आपको लेकर चल रहे हैं जयपुर मंदिर,जिसे गोविंद देव जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अपनी भव्यता, इतिहास और अद्भुत आध्यात्मिक आभा के कारण विशेष स्थान रखता है। मंदिर और स्थान गोविंद देव जी मंदिर, वृंदावन का एक प्रमुख मंदिर है, जो राधा-कृष्ण को समर्पित है।यह मंदिर 18वीं शताब्दी में जयपुर नरेश महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था।बाद में, उन्हीं के प्रयासों से वृंदावन से भगवान गोविंद देव जी की प्रतिमा जयपुर लाई गई, जहाँ आज भी लाखों भक्त उनके दर्शन करते हैं। इतिहास और किंवदंती किंवदंती है कि भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने कृष्ण के स्वरूप की तीन प्रतिमाएँ बनवाई थीं। इनमें से एक प्रतिमा, जो उनके मुखमंडल का प्रतीक है, आज गोविंद देव जी के नाम से जानी जाती है। यही प्रतिमा वृंदावन से जयपुर लाई गई थी। गोविंद देव जी मंदिर का एक और ऐतिहासिक महत्व यह है कि गौड़ीय वैष्णव परंपरा के महान दार्शनिक बलदेव विद्याभूषण ने यहीं गोविंदा भाष्य की रचना की थी। स्थापत्य और गौरव मंदिर का सत्संग हाल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे चौड़ी बिना स्तंभ वाली कंक्रीट इमारत है।15,800 वर्ग फीट में फैला यह हाल एक साथ 5,000 भक्तों को समा सकता है। पूजा और परंपराएँ मंदिर में प्रतिदिन सात आरतियाँ और भोग अर्पित किए जाते हैं।मंगला आरती से लेकर शयन आरती तक, हर आरती में भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।जन्माष्टमी, राधाष्टमी और होली जैसे पर्वों पर मंदिर का वातावरण अलौकिक हो जाता है। प्रबंधन मंदिर के महंत आंजन कुमार गोस्वामी कई दशकों से इसकी आध्यात्मिक और प्रशासनिक व्यवस्था देख रहे हैं। उनकी अगुवाई में न केवल परंपरागत सेवा प्रणाली को संजोया गया है, बल्कि लाइव दर्शन जैसी आधुनिक सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। निष्कर्ष जयपुर मंदिर, वृंदावन की आस्था, इतिहास और स्थापत्य का अद्वितीय संगम है। यहाँ का हर दर्शन भक्तों को कृष्ण भक्ति और राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम से जोड़ देता है। IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन” श्रृंखला में यह दसवाँ पड़ाव था। हमारी अगली कड़ी में, हम आपको वृंदावन के भव्य रंगाजी मंदिर की यात्रा पर लेकर चलेंगे। तब तक के लिए, श्री गोविंद देव जी की कृपा आप पर बनी रहे — यही शुभकामना।

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गीता स्वाध्याय- मेरी समझ से, नौवाँ अध्याय

गीता स्वाध्याय- मेरी समझ से, नौवाँ अध्याय

By: Rajendra Kapil भगवद् गीता का यह संवाद इतना रोचक है कि, इसे न तो सुनने वाले का मन भर रहा है और न ही कहने वाला थक रहा है. इसीलिए यह अर्जुन एवं भक्तों को अत्यंत प्रिय है. इस अध्याय में विशेष

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IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला का नवाँ पड़ाव — शाहजी मंदिर

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला का नवाँ पड़ाव — शाहजी मंदिर

प्रारंभिकपरिचय IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में आपका पुनः स्वागत है! राधा-कृष्ण की भक्ति-रसपूर्ण गलियों और मंदिरों की इस आध्यात्मिक यात्रा में हम अब पहुँच चुके हैं अपने नवेंपड़ाव — शाहजीमंदिर पर। इसे “तेड़े खंभे वाला मंदिर” या “छोटे

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IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला का आठवाँ पड़ाव — इस्कॉन कृष्ण बलराम मंदिर

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला का आठवाँ पड़ाव — इस्कॉन कृष्ण बलराम मंदिर

प्रारंभिक परिचय IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में एक बार फिर आपका स्वागत है! जहाँ राधा-कृष्ण की मधुर लीला और भक्ति की गूंज हर क्षण वातावरण को पवित्र बनाती है। हमारी यह आध्यात्मिक यात्रा अब पहुँच चुकी है अपने

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Gita Study – In My Understanding, Chapter 8

Gita Study – In My Understanding, Chapter 8

By: Rajendra KapilAt the beginning of this chapter, once again Arjuna showers Lord Krishna with a series of questions.Even after having received answers to many queries, his curiosity remains so deep that his thirst for knowledge keeps growing.Arjuna asks, “O Keshava, what is

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IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला का सातवां पड़ाव — श्री राधा दामोदर मंदिर के दर्शन

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला का सातवां पड़ाव — श्री राधा दामोदर मंदिर के दर्शन

IndoUS Tribune की “यात्रा और दर्शन: वृंदावन मंदिर” श्रृंखला में आपका स्वागत है! जहाँ भगवान कृष्ण की बांसुरी की धुन हवा में गूंजती है और हर गली राधा-कृष्ण के प्रेम की कहानियाँ सुनाती है। इस आध्यात्मिक यात्रा के सातवें पड़ाव में, हम आपको

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